Powered By Blogger

रविवार, 25 मई 2014

मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है

कुछ हसरतें पूरी हुई हैं मेरी , मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है
अभी से महफ़िल ख़त्म मान ली तुमने , मेरी बात अभी बाकि है

छोड़कर चल दिए अभी से तुम मेरा साथ
अभी तो मेरे हमसफ़र सारी रात बाकी है
मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है

ये चंद हसी लम्हें जो गुजारें हैं तारों की छाव में
ये तो कुछ भी नहीं , मेरे इश्क की सोगात अभी बाकि है
मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है

तुम जो कह दो तो गुनगुनाता जाऊ यूँ हि मै सदा
सुने हैं अब तक जो तुमने अधूरे से, मेरे जज्बात अभी बाकि हैं
मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है

दूर कहीं चले इस धरती से, इस अम्बर से हम दोनों
कुछ झूठे से हि सही ,मेरे ख़यालात अभी बाकि हैं
मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है

चंद लफ्जो में क्या बयाँ करू एहसास इस दिल-ए-आवारा के
कुछ लिखे तो हैं मैंने तेरे नाम से, अल्फाज़ मेरे अभी बाकि है
मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है

तुम कहो इसे दीवानगी मेरी या पागलपन कहो
अधूरी सी है कहानी ये मेरी तुम्हारी, एहसास मेरे अभी बाकि हैं
मेरे अरमानों की बरसात अभी बाकि है



  

सोमवार, 12 मई 2014

ये बाबरी सी बारिशें और तेरी यादों का सैलाब

ये बाबरी सी बारिशें और तेरी यादों का सैलाब
ज़िन्दगी मेरी जैसे इन्हीं लम्हों का नाम है
ख्याल तेरी चाहतो के, तेरा मेरे साथ होने का एहसास
ज़िन्दगी मेरी जैसे इन्हीं लम्हों का नाम है

मेरे लम्हें, मेरे पल; मेरे आज, मेरे कल
मेरे किस्से,मेरी बातें; मेरे दिन, मेरी रातें
तुझसे शरू हर नज्म मेरी तुझपे ख़त्म हर कहानी मेरी
तेरी बाहों में दिन मेरे, तेरे तस्सवुर में शाम है
ज़िन्दगी मेरी जैसे इन्हीं लम्हों का नाम है

वो नंगे पावँ तेरा चले आना, चुपके से मुझसे से मिलना
वो हवा में तेरी लटों का लहराना, वो तेरे लबो का खिलना
नशा है मुझपे ये तेरे इश्क का, पिया मैंने तेरी चाहत का जाम है
ज़िन्दगी मेरी जैसे इन्हीं लम्हों का नाम है

चाहना तुझको बेपन्हा है अब मजहब मेरा
`तेरा नाम क्या है, है ये रब मेरा
हुआ है काफ़िर दिल मेरा तेरी मुहब्बत में
इबादत तेरी करना बस अब मेरा काम है
ज़िन्दगी मेरी जैसे इन्हीं लम्हों का नाम है

ये बाबरी सी बारिशें और तेरी यादों का सैलाब
ज़िन्दगी मेरी जैसे इन्हीं लम्हों का नाम है